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जिंदगी में हर व्यक्ति का अपना एक स्वभाव होता हैं, How to control extreme Anger, कुछ बहुत ही हंसमुख होते हैं और कुछ लोग बहुत ही गुस्सैल होते हैं, कह सकते हैं की बात -बात पर गुस्सा हो जाना और उस बात को लेकर महीनो और सालों ताने देते रहना आज बहुतो के लिए एक बड़ी समस्या हैं। आज हम सब ऐसे समाज में रह रहे हैं जहां हर व्यक्ति अपने आप को ही सबसे अधिक समझदार समझता हैं और इस सोच की वजह से वह सामनेवाले को हर समय गलत साबित करने में लगा रहता हैं।

बहुत से लोग तो ये भी नहीं सोचते हैं की गुस्से में वह क्या बोल रहे हैं। गुस्सा एक मन की ऐसी अवस्था हैं जिसमे उस व्यक्ति की सोचने और समझने की छमता ही ख़तम हो जाती हैं।

How to control extreme Anger
How to control extreme Anger

किसी गलत बात के लिए किसी को चेताना या समझाना एक अलग बात हैं , पर किसी की बेजती करना बिलकुल भी सही नहीं। पहले के समय में लोग गुस्सा होने पर मार पीट पर उतर आते थे , आज थोड़ा समय बदल गया हैं पर पूरी तरह से नहीं बदला हैं आज भी कुछ ऐसे महान लोग इस दुनिया में हैं जो बिना बात के भी गुस्सा हो जाते हैं।

जब भी आपकी किसी भी बात पर extreme anger आये तो नीचे दी गयी बातों को अपनाये –

आपको कोई हक़ नहीं हैं की आप किसी से गुस्से से बात करे

आप जिस पर गुस्सा कर रहे हैं ये उस इंसान का बड़प्पन हैं की वह पलट कर आपको कुछ नहीं कह रहा हैं पर ऐसा नहीं हैं की उसके मुँह में जबान नहीं हैं , यदि किसी दिन उसने पलट कर आपको जवाब दे दिया तो फिर क्या होगा। आपकी इज्जत आपके हाथ में हैं अब आपको इज्जत करवानी हैं या नहीं करवानी हैं , ये आप सोचिये । जब भी किसी से कोई गलती हो तो उससे बैठकर बात करे , उसे समझाये की आगे से ये काम ना हो।

आज ज्यादातर लोग जब भी किसी पर गुस्सा होते हैं या करते हैं तो वह भूल जाते हैं की वह क्या बोल रहे हैं और वह गुस्से में सामनेवाले के दिल में अपनी बनी हुयी जगह को भी हटा देते हैं। एंगर आपके हर रिश्ते को खा जाएगा। आपसे कोई ये नहीं कह रहा हैं की आप गलत बात का समर्थन करे, बल्कि ये कहा जा रहे हैं की गलती होने पर आराम से बैठकर बात करे। जब तक रिश्ता चले तब तक चलाये पर एक दूसरे के मान – सम्मान का हमेशा खयाल रखे।

Extreme Anger आने पर मौन हो जाए या फिर उस जगह से थोड़ी देर के लिए हट जाए

जब भी आपको गुस्सा आये तो थोड़ी देर के लिए कुछ ना बोले और यदि ये पॉसिबल नहीं हैं तो थोड़ी देर के लिए उस जगह से कही और चले जाए और जब आपका गुस्सा थोड़ा कम हो जाए और आपको लगे की आप आराम से बात करने की हालत में हैं तभी बात करे।

एंगर आने से हमारा मन बहुत ही भारी हो जाता हैं और हम गुस्से में वह सब बोल देते हैं जो हमे नहीं बोलना चाहिए क्योंकि यदि आपने एक बार किसी को गुस्से में बहुत कुछ कह दिया तो आपका वह रिश्ता उसी समय से सिर्फ दिखावे का रह जाएगा। गुस्सा आने पर नहीं , गुस्सा चले जाने पर अपनी बात रखे और जो भी आपके mind में या सामनेवाले के mind में चल रहा हैं उसे क्लियर करे।

समय -समय पर अपने आप को अपडेट करे

गुस्सा आने का क्या कारण हैं इस बात को identify करना बहुत ही जरुरी हैं। गुस्सा कभी -कभी एक भयानक रूप ले सकता हैं और आपके बने बनाये रिश्ते को एक पल में ख़तम कर सकता हैं।

एक गलत निर्णय आपकी जिंदगी को ख़राब कर सकता हैं। जब भी आपको गुस्सा आये तो इस बात पर जरूर ध्यान दे की गुस्सा आने के जिम्मेदार आप भी हैं लेकिन दुनिया में कोई भी अपने आप पर गुस्सा नहीं करता हैं ,सब अपनी गलतियों के लिए भी दूसरे को जिम्मेदार ठहरा देते हैं। आज अपनी गलती कोई नहीं मानना चाहता हैं सब को दूसरों में ही बुराई नजर आती हैं।

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