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Shayri on Life in Hindi एक ऐसी पोस्ट हैं, जिसके माध्यम से लेखिका अपनी बात को जन- जन तक पहुँचाना चाहती हैं।जीवन का काम हैं चलना , सुख हो चाहे दुःख , तन्हाई हो या भीड़ , ऐसे में आप सब को अगर लाइफ पर कुछ मोटिवेटेड और ट्रू शायरी मिल जाए तो जाहिर सी बात हैं की हम जीवन को सही डायरेक्शन दे सकते हैं ।

लाइफ की कठिनता को जो समझ गया, समझो उसने भव सागर को पार कर लिया । लाइफ में हम सब कभी – कभी ऐसे चक्र विहु में फस जाते की चाह कर भी हम नहीं निकल पाते हैं, ऐसे में हम खुद को अकेला और असहाय महसूस करते हैं और कही ना कही हम अपने आप को इस दुनिया की भीड़ में खोता हुआ पाते हैं ।

देखो ये बात मान लो सब हमारे हक़ में जरुरी नहीं हैं इस लिए जब भी लाइफ में किसी प्रॉब्लम में उलझ जाओ तो घबराओ नहीं , बल्कि अपनी धैर्य और अपनी बुद्धि से उस प्रॉब्लम का हल निकालों। लाइफ में जब भी समस्या आती हैं, तो ऐसा लगता हैं जैसे कुछ भी सही नहीं हैं, उस समय हम अपने सारे सुख भूल जाते हैं और जैसे ही अगले पल सब ठीक होता हैं, हम फिर इस मायावी दुनिया में लिप्त हो जाते हैं।

Shayri on Life in Hindi

सब अपने हैं, फिर भी बेगाने क्यों लगते हैं ।
सपने सच हैं, फिर अफ़साने क्यों लगते हैं ।
जिंदगी में कभी सुबह तो कभी शाम होती हैं ।
दिल कहे ना कहे कुछ भी पर आँख सब कहती हैं ।

सब ख्वाब पूरे होंगे , इस वहम में मत रहना ।
अभी तो शुरुवात हैं, आगे हैं बहुत कुछ सहना।
ये डराना नहीं तुम्हे जिंदगी से आगाह करना हैं ।
खुशियों तो होंगी हजार पर गम भी सहना हैं ।

एक एक पल को जियो, चाहे कितना भी सहो ।
जो बात दिल में हैं वह किसी से तो कहो ।
जीने के लिए जिंदगी से लड़ना होगा।
रुक रुक कर भी आगे बढ़ना होगा ।
कांटे आएंगे राहों में हजार तुम्हारी ।
पर तुम्हे हर हाल में चलना होगा ।

जो अपना होगा वह तुम्हारी फिक्र करेगा
और जो गैर होगा वह तुम पर हंसेगा ।
मौका मिला तो लोग लगा देंगे कीमत तुम्हारी भी
यहाँ सब अपने लिए जीते हैं, ना पूछेगा कोई चॉइस तुम्हारी ।

क्या ऐसा कहू जो तेरे टूटे दिल को सुकून आ जाए।
तुम रोओ ना इतना चलो अब मुस्कराओ ।
हो गयी बहुत शिकायते , आ अब थोड़ा प्यार कर ले।
अब तेरी ही तमन्ना हैं, मेरा ऐतबार कर ले ।

हर तरफ शोर हैं पर दिल में सन्नाटा हैं
इस भरी दुनिया में कोई अपना ही दुःख दे जाता हैं
कभी सब ठीक हैं कहकर काम चला लेते हैं
कभी ग़म हो तो भी मुस्करा लेते हैं
सीख रहे हैं अब हम भी दुनिया दारी
बचपन में रंग थे बहुत अब हैं कारी कारी।

हर कोई दिल में डर के साथ जीता हैं , और डर के साथ ही मरता हैं।
ये जिंदगी किसी गेम से कम नहीं हैं, ये ऐसे ही चलता हैं ।
कोई अपनों से दुखी होता है, तो कोई अपनों को दुखी करता हैं ।
यही तो जीवन का दस्तूर हैं, जब एक हस्ता हैं तो दूजा रोता हैं ।

आँखें बंद भी करती हूँ , तो भी ये मन सोचता रहता हैं।
कुछ ना कुछ हर पल ये मुझसे कहता रहता हैं ।
कभी ये बहुत खुश, तो कभी हताश हो जाता हैं ।
कभी ये मुस्कराता हैं, तो कभी बिलकुल चुप हो जाता हैं ।
इसे ना समझी हूँ मैं और ना मैं समझ पाऊंगी ।
करती हूँ खुद से वादा हर ग़म में भी मुस्कराऊंगी ।

आँखों से आंसू यूं ही नहीं निकल जाते ।
हम दर्द छुपाते हैं पर कुछ ना कह पाते।
अभी भी चाह बाकी हैं तुममे ।
नहीं तो कम्बख्त ये ख्वाब भी ना आते ।

कब , कैसे और क्यों, में ना उलझाओ खुद को।
चले चाहे जिंदगी जैसे बस तुम खुद मुस्कराओ।
हरा दो जिंदगी को अपनी एक प्यारी मुस्कान से।
लिख दो अपनी जिंदगी की कहानी अपनी ही जुबान से।

वक़्त कम हैं अब भी संभल जाओ
व्यर्थ की बातों में ना समय गवाओ
ये जिंदगी तुम्हारी बहुत ही अनमोल हैं
इससे अपनी नहीं तो किसी की जिंदगी बनाओ
चले जाना यहाँ से एक दिन तुम्हे हस्ते – हस्ते
याद करें जमाना तुम्हे ऐसा अपना किरदार बनाओ ।

एक एक कदम चलने से भी मंजिल मिल सकती हैं
मेहनत से ही किस्मत बदल सकती हैं
तुम बस करते रहो हर पल अपना कर्म
ये जिंदगी हैं साहब किसी भी पल करवट ले सकती हैं ।

घाव कितना भी भर जाए पर निशान को छोड़ ही जाता हैं।
कोई अपना सब कुछ दे देता हैं, तो कोई सब ले जाता हैं।
इतना ना सोचो की वक़्त और इंसान दोनों चले जाए ।
जब वक़्त ख़राब हो तो अडिग कदम भी लड़खड़ाए ।
जो वक़्त चला गया उसके लिए मायूस ना हो।
जो हैं बस उसके साथ चलो और चलते रहो।

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